
देश में बदल जाएगा सोना खरीदने-बेचने का नियम, सरकार की बड़ी तैयारी साल 2022 में
सोना खरीदने वालों के मन में सबसे बड़ी चिंता होती है कि वो जो सोना खरीद रहे हैं वो शुद्ध सोना है या नहीं। कहीं पूरे दाम देकर भी वो मिलावटी सोना तो घर नहीं ले जा रहे हैं। इन सब चिंताओं के बारे में अब आपको नहीं सोचना हैं, क्योंकि सरकार ने इसके लिए बड़ी तैयारी कर ली है। सरकार ने साल 2022 में देशभर में शुद्ध सोना बेचने की तैयारी कर ली है, जिसके बाद से अब देशभर में सोना खरीदने-बेचने का नियम बदल जाएगा। नए साल से आप बिना हॉलमार्क वाला सोना नहीं खरीद सकेंगे और न ही ज्वैलर्स बिना BIS हॉलमार्क वाला सोना बेच सकेंगे।
ज्वैलर्स रजिस्टर्ड1.27 लाख
सरकार ने हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। वहीं ज्वैलर्स भी खुद को BIS के साथ कराया रजिस्टर्ड करवा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 1.27 लाख ज्वैलर्स ने हॉलमार्किंग के लिए खुद को बीआईएस से रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। देशभर में 976 बीआईएस मान्यता प्राप्त एएचसी संचालित है। वहीं 5 महीनों में लगभग 4.5 करोड़ आभूषणों की हॉलमार्किंग की गई है।

क्या है हॉलमार्क ज्वैलर्स
दरअसल गोल्ड हॉलमार्किंग एक यूनिक आईडी होता है, जो सोने की शुद्धता की पहचान है। ये एक नंबर की तरह होती है। BIS मार्क वाले गहनों को को एक यूनिक आईडी नंबर दिया जाता है। ज्वैलरी में सोने की मात्रा के अनुसार उसे कैरेट की रैंकिंग मिलती। 24 कैरेट से 14 कैरेट तक सोने की मात्रा के मुताबिक उसे अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है।सोने की शुद्धता के साथ ही इससे ये पता लगाने में भी मदद मिलती है कि सोना कब और कहां बिका, किसने खरीदा। गौरतलब है कि भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है।
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